19 साल पहले अपने बहन से बिछड़ गया था भाई, रक्षा बंधन के दिन बहन से मिला

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रक्षा बंधन के दिन बहन अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती है और भाई उसकी हमेशा रक्षा करने का वचन देता है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी बहन की कहानी बताने जा रहे हैं, जिसने कभी हार नहीं मानी और 19 साल के लंबे संघर्ष के बाद अपने गुम हुए भाई को ढूंढ निकाला है। पटना का रहने वाला रवीश 19 साल पहले अपने परिवार से बिछड़ गया था। उसे बहुत ढूंढा गया, जब कोशिश नाकामयाब रही तो परिवार वालों ने उसे मृत मान लिया। पुलिस ने भी खोजबीन कर हार मान ली। लेकिन उसकी बहन प्रेमादेवी ने न तो भाई को मृत माना और न ही हार मानी। अंत में उसके विश्वास की जीत हुई।

रवीश की बड़ी बहन प्रेमादेवी को यकीन था कि उनका भाई जिंदा है। सबने हाथ खड़े कर दिये लेकिन प्रेमादेवी ने अपने भाई को ढूंढना जारी रखा और आखिरकार बहन ने अपने भाई को सूरत से खोज निकाला है। दोनों भाई-बहन आज रक्षा बंधन के दिन पटना में साथ होंगे।

बता दें कि रवीश पटना के शिवम इंटरनेशल स्कूल चेन के संचालक परिवार से हैं। रवीश 1999 में लापता हो गया था। परिवार और पुलिस दोनों ने उसे खोजने में कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन जब सफलता नहीं मिली तो उन्होंने हार मान ली। लेकिन बहन प्रेमादेवी ने भाई को खोजने की मुहिम जारी रखी। वह शहर में और बाहर जाने वाले लोगों को लगातार रवीश का पता लगाने की गुहार लगाती रही। इस बीच प्रेमा की शादी भी हो गई। लेकिन 2001 में परिवार को खबर मिली कि रवीश सूरत में है। बहन प्रेमादेवी की जिद के कारण पिता उमेश कुमार 2012 तक तीन बार सूरत आए और रवीश की तलाश की, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला। बेटे को तलाश करते-करते उमेश कुमार का भी निधन हो गया।

रवीश ने सूरत में गाय चराने और फिर होटल में भी काम किया और आजकल वह वहां एक फैक्ट्री में काम कर रहा था। रवीश की ही फैक्ट्री में पटना का ही रोहित भी काम करता था। वो रोहित ही है जिसने रवीश और उनके परिवार के बीच कड़ी का काम किया। उसने रवीश के छोटे भाई रितेश और भतीजे राजकुमार तक खबर पहुंचाई और दोनों को सूरत बुलाया। यहां दोनों को रवीश से मिलाया।

अब रवीश 32 साल के हो चुके हैं, इसलिए पहली मुलाकात में कोई एक-दूसरे को पहचान नहीं पाया। रवीश के भतीजे राजकुमार ने बॉडी लैंग्वेज, चाल-ढाल और पुरानी बातों के जरिए पहचाना कि यह रवीश है। इतने वर्षों की जुदाई के बाद जब परिवार का रवीश से मिलन हुआ, तो सभी रो पड़े और कस के एक-दूसरे को गले मिला लिया।

परिवार से मुलाकात के बाद रवीश को सैलून ले लाया गया, फिर उसे नए कपड़े दिलाए गए। शनिवार शान को वो सभी के साथ पटना के लिए निकला, जहां उसकी बहन प्रेमा अपने भाई का इंतजार कर रही थी। दोनों भाई बहन 19 साल बाद एक-दूसरे को देख रहे थे। खास बात यह है कि 19 साल पहले रवीश रक्षाबंधन के 10 दिन पहले लापता हो गया था और आज 19 साल बाद दोनों का मिलन रक्षा बंधन के दिन हुआ है

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