अदालत का फैसला सच्चाई की जीत ,लोगो की दुआओं का नतीजा : शेरगिल

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कुराली/गुरसेवक पंजाब की आनंदपुर साहिब लोकसभा सीट से आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी नरिंदर सिंह शेरगिल को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने शेरगिल का नामांकन रद्द करने का चुनाव आयोग का फैसला ही खारिज कर दिया है । चुनाव आयोग ने शेरगिल को पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान प्रत्याशी के रूप में चुनाव खर्च का हिसाब नहीं देने के लिए तीन साल तक चुनाव लडऩे के अयोग्य करार दे दिया था। इसी के तहत शेरगिल का लोकसभा चुनाव के लिए दाखिल नामांकन पत्र रद्द कर दिया गया था। गुरुवार दोपहर तीन बजे रिटर्निंग अफसर द्वारा शेरगिल का नामांकन पत्र रद किए जाने के एलान के बाद शेरगिल ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था हाईकोर्ट के जस्टिस दया चौधरी और जस्टिस सुधीर मित्तल की खंडपीठ ने गुरुवार को चार घंटे तक सुनवाई के बाद शेरगिल का नामांकन रद्द करने के चुनाव आयोग के आदेश को खारिज कर दिया । इसके साथ ही हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग द्वारा शेरगिल के तीन साल तक चुनाव लडऩे पर लगाई गई रोक के आदेश को भी रद्द कर दिया।
चुनाव आयोग की दलील
चुनाव आयोग ने शेरगिल का नामांकन इस आधार पर रद्द किया कि उन्होंने वर्ष 2017 में मोहाली से विधानसभा चुनाव लड़ा लेकिन चुनाव खर्च का ब्योरा आयोग को नहीं सौंपा। इस पर आयोग ने 7 जून, 2018 को उन पर तीन साल तक चुनाव लडऩे पर रोक लगा दी थी। यह रोक 6 जून, 2021 तक प्रभावी रहनी थी।
शेरगिल की दलीलें
शेरगिल ने हाईकोर्ट में दलील दी कि नामांकन पत्र में उन्होंने अपने आवश्यक खर्च का पूरा ब्योरा दिया था और रिटर्निंग अफसर ने भी इसकी पूरी जांच करने के बाद उस पर सहमति जताई थी। इसी आधार पर शेरगिल ने 29 अप्रैल को नामांकन पत्र दाखिल किया था। शेरगिल ने आरोप लगाया कि पिछले वर्ष उनके चुनाव लडऩे पर रोक लगाए जाने के बारे में चुनाव आयोग या राज्य चुनाव अधिकारी की ओर से उन्हें कोई सूचना नहीं दी गई और ना ही उन्हें इस मामले में अपना पक्ष रखने का कोई अवसर दिया गया। इस सवंधी जब  पत्रकार ने आप उमीदवार स.नरिंदर सिंह शेरगिल से जब कुछ सवाल किये तो शेरगिल ने उनके जबाब में कहा कि
प्रश्न : चुनाव आयोग ने चुनाव खर्च का हिसाब नहीं देने के लिए तीन साल तक चुनाव लडऩे के अयोग्य करार दिया तो आपको कैसे लगा?
उत्तर : मुझे लगा कि जैसे मेरे साथ अन्याय हो रहा है मैं इस क्षेत्र में पिछले 30 साल से सेवा कर रहा हूँ मुझे लगा कि मेरे द्वारा की गयी सेवा के साथ अन्याय हो गया मानयोग अदालत ने मुझे राहत दी वो सब लोगो की दुआओं का असर था। मैं लोगो के प्यार का ऋणी हूँ था और पूरी उम्र रहूँगा।
प्रश्न : मनीष तिवारी के बारे में आपकी क्या सोच है?
उत्तर : कांग्रेसी उमीदवार मनीष तिवारी के बारे में मेरी सोच वही है जो आम लोगो की है वो न तो इस हल्के के है जब वो लुधियाना से सांसद बने थे तो उसके बाद लुधियाना में वह दिखाई ही नहीं दिए । 19 मई के बाद वह इस हल्के में भी दिखाई नहीं देंगे इस बारे में कांग्रेसी वर्कर भी भली भांति जानते है । इस लिए बाहरी उमीदवार पर इस हल्के के सूझवान वोटर कभी विशवास नहीं जताएंगे।
प्रश्न : प्रो चंदूमाजरा हल्के में विकास करवाने के दावे करते है आपकी क्या सोच है?
उत्तर : प्रो चंदूमाजरा सही कह रहे है उन्होंने अकाली दल के कार्यकर्ताओ ंका विकास करवाया,क्षेत्र में माइनिंग माफिया,भरष्टाचार,रिश्वत खोरी,बेरोजगारी,बेअदवियो का विकास करवाया। जिन गाँवो में अकाली दल के सरपंच थे उन्ही गांव को पानी के टेंकर दिए गए ये विकास उन्होंने करवाय। क्षेत्र के वोटर उनके दर्शनों को तरसते रहे हल्के में शिक्षा और सेहत सहूलतो से लोग वंचित दिखे ये है उन्का किया विकास।
प्रश्न : विरोधी पार्टियां कहती है कि आप खत्म हो गयी अब वोट न करे?
उत्तर : विरोधी पार्टियों ने पंजाब के लोगो को झूठ बोल वोट बटोरी थी अब उनके पास झूठ बोलने के लिए कुछ नहीं बचा न ही बुढापा पेंशन 2500 दी गयी,न ही भरष्टाचार कम हुआ,न ही किसानो का पूरा कर्ज माफ हुआ,न ही नशा खत्म हुआ,न ही नौजवानो को नौकरी मिली। आज पंजाब का हर वर्ग इन पार्टियों से दुखी है । इस लिए नौजवान पंजाब को छोड विदेशो की और रुख कर रहा है । इन पार्टियों के पास अब झूठ बोलने के लिए कुछ नहीं बचा इस लिए वह झूठा प्रचार कर रही है कि आम आदमी पार्टी खत्म हो गयी जब कि वोटर आज भी आप के साथ है।
प्रश्न : पंजाब में आप किसी मुद्दे पर चुनाव लड रही है?
उत्तर : आम आदमी पार्टी नेशनल पार्टी है और दिल्ली में 70 में से 67 विधायक आप के है । दिल्ली में शिक्षा और सेहत सहूलतो पर आम आदमी पार्टी ने काम कर पुरे देश में दिखाया है। देश विदेशो से लोग दिल्ली के सरकारी स्कूल और अस्पताल देखने आते है। पंजाब में भी शिक्षा और सेहत सहूलतो को दिल्ली जैसा किया जायेगा। रोजगार पैदा करने के लिए भी उनके पास काफी अच्छी योजनाए है जिन्हे पंजाब में लागु किया जायेगा ।
प्रश्न : सुखपाल खैहरा का पार्टी से अलग होना कितना नुक्सान पहुंचाएगा?
उत्तर : पार्टी किसी एक वयक्ति विशेष की नहीं होती हर पार्टी के अलग अलग सिद्धांत होते है पार्टी में नेता आते है जाते है सुखपाल खैहरा किसी पार्टी में नहीं टिकता जिस पार्टी में वह रहा है उसने उस पार्टी को ही नुक्सान पहुँचाया है । खैहरा का अब खेल खत्म हो गया है अब उसका ड्रामा नहीं चलेगा।

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