30 सालों से लापता व्यक्ति का परिवार के साथ हुआ मिलाप

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सुनील को उनके घरवालों से मिलाते हुए संस्था के प्रवंधक।

वयक्ति ने कहा ‘प्रभ आसरा’ है अब मेरा असल परिवार साथ जाने से किया मना
जगदीश सिंह कुराली:  30 साल पहले अपनों से बिछडे वयक्ति को ‘प्रभ आसरा’ संस्था के प्रबंधकों की तरफ से ‘मिशन मिलाप’मुहिम के अंतर्गत अपने परिवार के साथ मिलाया गया। इस सवंधी जानकारी देते हुए बीबी रजिन्दर कौर पडियाला मुख्य प्रबंधक ‘प्रभ आसरा’ ने बताया कि 9-8-2010 को एस डी एम के द्वारा बहुत ही दयनीय और लावारिस हालत में सुनील (30) नौजवान को डी.सी कंप्लेक्स मोहाली के बाहर से उठा कर दाखिल करवाया गया था। जहाँ वह लगभग पिछले 9-10 सालों से लावारिस हालत में रहता था। कुछ समाजदरदी सज्जन उसको खाने का समान दे जाते, जिस के साथ वह अपना पेट भर कर गुजारा कर लेता था। आस पास के लोग सुनील को भक्त जी कहते थे। एक दिन इस की दयनीय हालत देख कर एक समाजदरदी सज्जन को तरस आया और उसने प्रशासन को इसकी जानकारी दी । परन्तु प्रशासन ने इस बात पर गौर न किया तो 8-8-2010 को एक इंग्लिश अखबार ने इस की आवाज उठायी जिस कारण जिला सामाजिक सुरक्षा अफसर हरकत में आये और इस के ‘प्रभ आसरा’ में दाखिल करवाने के आर्डर बनाऐ गए । सुनील दाखिले समय अपना नाम पता बताने से असमर्थ था। सुनील का नाम भी संस्था की तरफ से रखा गया । सुनील का इलाज और सेवा संभाल संस्था की तरफ से की जा रही थी । सुनील ने दाखिले से लगभग 3 साल बाद अपना अधूरा पता बताना शुरू किया। संस्था के मिशन मिलाप मुहिम के अंतर्गत संस्था के प्रबंधकों की तरफ से बताए हुए पतो के साथ संपर्क करने की कोशिश लगातार जारी रही,परन्तु सही पता न होने के कारण सुनील के घर वाले असमर्थ रहे,कई साल लगातार कोशिश करने के बाद में प्रबंधकों का उसके घर वालों के साथ संपर्क हुआ तो सुनील को लेने उसका भाई और गाँव के मुखिया ‘प्रभ आसरा’ कुराली में पहुँचे । उन्होंने बताया कि सुनील का असली नाम छाबर प्रसाद है यह 10 साल का था जब अचानक घर छोड कर चला गया था । जिसकी सूचना पुलिस को भी दी लेकिन वह परिवार को नहीं मिला । उन्होंने बताया कि जब ‘प्रभ आसरा’ के प्रबंधकों की तरफ से उसके संस्था में होने की जानकारी उन् के पास पहुँची तो परिवार में खुशी का माहौल बन गया और आज वह अपने भाई को लेने ‘प्रभ आसरा’ कुराली में पहुँचे । पहले सुनील अपने घर वालों के आने की खबर सुन कर बहुत खुश हुआ उनके साथ अपनी पुरानी यादे ताजा की लेकिन जब जाने का वक्त आया तो सुनील ने घर जाने से मना कर दिया, उसने बताया मुझे अपने परिवार के मिलने की बहुत खुशी है पर मैं ‘प्रभ आसरा’ परिवार छोड कर नहीं जा सकता, मैं पिछले 9 साल से अपने इस परिवार में रह रहा हुं।इस परिवार की तरफ से मुझे बहुत प्यार और एक नई पहचान मिली है। इस मौके सुनील को लेने आए उसके भाई और गाँव के मुखिया ने संस्था के प्रबंधकों का धन्यवाद किया और सुनील को फिर ‘प्रभ आसरा’ परिवार में खुशी खुशी रहने दिया।

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