बाल दिवस पर ‘प्रभ आसरा’ ने 10 लावारिस बच्चों को अपनी शरण में लिया, प्रबंधकों ने बच्चों की देखभाल शुरू की

‘प्रभ आसरा’ मे दाखिल नए बच्चे
जगदीश सिंह कुराली: बाल दिवस सेलिब्रेशन करके बच्चो को उनके हक दिलाने के सरकारी दाबो के उल्ट अनेको बच्चे लावारिसों के तौर पर जीवन जीने के लिए मजबूर है। स्थानीय नगर काउंसिल के अंतर्गत आते गांव पडियाला मंदबुद्धि और लावारिस की सेवा संभाल कर रही संस्था ‘प्रभ आसरा’ में दस लावारिस बच्चो को शरण मिली है। संस्था के प्रबंधकों द्बारा उनकी सेवा संभाल शुरू कर दी है। इस संबंधी जानकारी देते हुए संस्था के मुख्य प्रबंधक रजिन्द्र कौर पडियाला ने बताया कि गुरविन्द्र कौर (12 वर्ष) ,बलबीर सिंह (17 वर्ष),दर्शन (15 वर्ष) ,विक्की (17 वर्ष),मक्खन (16 वर्ष), गुरमीत सिंह(15 वर्ष),गुरप्रीत सिंह(16 वर्ष),ज्ञास (9 वर्ष) और प्रभदीप सिंह(8) शामिल है। उन्होंने कहा कि प्रभदीप सिंह का नाम संस्था की ओर से रखा गया है क्योंकि वह अपने बारे में कुछ भी बताने में असमर्थ है। रजिन्द्र कौर ने बताया कि यह सभी बच्चे जालंधर जिले के अंतर्गत चल रहे गुरू नानक अनाथ आश्रम में रह रहे थे लेकिन वहा पर इनके लिए ठोस प्रबंध ना होने कारण सीडब्लयूसी जालंधर की मदद के साथ इन बच्चो को सेवा संभाल और उपचार के ‘प्रभ आसरा’ कुराली में भेजा गया है। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार रोहित (3 वर्ष) को सेवा संभाल के लिए सीडब्लयूसी रूपनगर द्बारा दाखिल करवाया गया जो कि आनंदपुर साहिब पुलिस को लावारिस हालत में मिला था। इस संबंधी बातचीत करते हुए रजिन्द्र कौर पडियाला ने बताया कि दाखिले उपरांत इन बच्चो की देखभाल शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो देश में बाल दिवस मनाया जाता है जबकि दूसरी तरफ ऐसे लावारिस बच्चो को संभालने के लिए सरकारों के पास अभी तक कोई प्रबंध नही है। उन्होंने कहा कि लावारिस बच्चो के तौर पर समाज में भटक रहे ऐसे बच्चो के लिए प्रबंध करने सरकार की जिम्मेवारी है। उन्होंने अपील की कि यदि किसी को इन बच्चो के बारे में कोई जानकारी हो तो वे संस्था के साथ संपर्क कर सकता है।